Saakhi – Guru Angad Dev Ji Or Humayu Ka Gussa
गुरू अंगद देव जी और हुमायूँ का गुस्सा
बादशाह बाबर की मौत के बाद उसका बड़ा पुत्र हुमायूँ बादशाह बना। परन्तु शेर ख़ान ने कनौज में हुमायूँ को बहुत भारी हार देकर हिंदुस्तान का राज हासिल कर लिया। हुमायूँ अपनी जान बचाने के लिए आगरा से लाहौर की तरफ भाग निकला। हुमायूँ को पंजाब पहुंच कर याद आया कि उसके पिता बाबर को, गुरू नानक देव जी ने कहा था कि उसकी सात पुश्तें हिंदुस्तान पर राज करेंगी। गुरू नानक जी के बोले हुए वचन झूठे क्यों हो रहे थे, जबकि उसकी अभी दूसरी ही पुश्त है।
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इसका निर्णय करने के लिए उसने अपने मंत्री को पूछा, ‘वर्तमान में गुरू नानक जी की गद्दी पर कौन है?’ उसने उत्तर दिया, ‘गुरू अंगद देव जी हैं। उनका डेरा दरिया ब्यास के आगे खडूर गाँव के नज़दीक है।’ हुमायूँ, मंत्री को साथ लेकर गुरू अंगद देव जी के डेरे पहुंच गया। उस समय गुरू जी बच्चों को पढ़ा रहे थे। हुमायूँ जाकर खड़ा हो गया। गुरू जी अपने ध्यान में लगे हुए, बच्चों को पढ़ाते रहे। उन्होंन हुमायूँ के आने की ओर कोई विशेष रूप से ध्यान नहीं दिया।
हुमायूँ को यह देख कर बहुत गुस्सा आया। उसने यह सोच कर कि गुरू जी ने उसके आने की कोई परवाह नहीं की, उसने गुरू जी को कत्ल करने का मन बना लिया और जब वह जब म्यान में से तलवार निकालने लगा तो गुरू जी ने कहा, ‘हुमायूँ, यह तेरी तलवार तब कहाँ थी जब तू शेर ख़ान से हार कर भागा था। अब तूँ फकीरों पर तलवार चला कर अपनी बहादुरी दिखा रहा है। जब तूँ उससे डर कर भाग रहा था तब शेर ख़ान को तलवार क्यों नहीं दिखाई?’
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गुर जी से खरी-खरी सुन कर हुमायूँ बहुत शर्मिंदा हुआ। उसने हाथ जोड़ कर गुरु जी से विनती की, ‘मुझ से भूल हो गई। आप ख़ुदा का रूप हो मुझे माफ कर दीजिए। मैं आपसे यह पूछने आया हूँ कि गुरू नानक देव जी ने मेरे पिता को सात पुश्तों का राज दिया था, परन्तु यह वचन झूठा क्यों होने लगा है?’
गुरू जी ने कहा, ‘जब तक बादशाह इंसाफ करता है तब तक उसका राज भाग्य बना रहता है। तुमसे कोई बेइन्साफ़ी हुई होगी, जिस कारण तुम्हारा राज चला गया। अगर तूँ अभी मुझ पर तलवार न उठाता तो तुझे राज अभी ही मिल जाना था, परन्तु अब तूँ वापस ईरान चला जा, जब फिर तुम वापस आओगे तो तुम्हे राज मिल जायेगा। पंद्रह सालों के बाद 22 जून, 1555 ईस्वी को हुमायूँ फिर हिंदुस्तान का बादशाह बना। गुरू नानक देव जी और गुरू अंगद देव जी के वचन सच्चे हुए।
शिक्षा -अपनी ताकत का कभी अहंकार नहीं करना चाहिए और इस ताकत का उपयोग कर किसी के साथ बेइन्साफी या जोर-जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए ऐसा करने से परमात्मा जल्दी ही ताकत से खाली कर देता है।
Waheguru Ji Ka Khalsa Waheguru Ji Ki Fateh
– Bhull Chuk Baksh Deni Ji –