Historical Place – Qila Anandgarh Sahib
ऐतिहासिक स्थान – किला अनन्दगढ़ साहिब
गुरू गोबिन्द सिंह साहब ने सर्वप्रथम यही किला बनवाया था। यह अप्रैल 1689 में बनना शुरू हुआ था। किला अनन्दगढ़ साहिब रोपड़ की तरफ से आते समय दाहिने हाथ आता है। किला अनन्दगढ़ साहिब की पुरानी इमारत को अजमेर चंद की फौजों ने 1705-06 में ही ढहा दिया था। फिर सिक्खों ने काफी साल बाद यहाँ गुरुद्वारा कायम किया। किला अनन्दगढ़ साहब की बाउली सरदार जस्सा सिंह आहलूवालीया ने बनावाई थी।
किला अनन्दगढ़ साहिब किला लोहगढ़ के बाद दूसरा बड़ा सैंटर था। किला अनन्दगढ़ दुश्मन के हमलों की सूरत में सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह थी। पौष की रात में जब गुरू साहिब ने आनंदपुर साहब छोड़ा तो वे यहाँ से ही कीरतपुर साहब की तरफ चले थे। अनन्दगढ़ साहब फौजी सैंटर था और शस्त्र और गोला बारूद सारा यहाँ ही जमा किया होता था। दुश्मनों की फौजों ने इस किले पर कई बार हमले किये परन्तु हर बार मुँह की खायी।
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