Sri Guru Granth Sahib Ji Arth Ang 8 post 2
ਤਾ ਕੀਆ ਗਲਾ ਕਥੀਆ ਨਾ ਜਾਹਿ ॥
Thaa Keeaa Galaa Kathheeaa Naa Jaahi ||
ता कीआ गला कथीआ ना जाहि ॥
These things cannot be described.
ਜੇ ਕੋ ਕਹੈ ਪਿਛੈ ਪਛੁਤਾਇ ॥
Jae Ko Kehai Pishhai Pashhuthaae ||
जे को कहै पिछै पछुताइ ॥
One who tries to speak of these shall regret the attempt.
350-351 ਜਪੁ (ਮ: ੧) ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ : ਅੰਗ ੮ ਪੰ. ੧
Jap Guru Nanak Dev