ਥਾਪਿਆ ਨ ਜਾਇ ਕੀਤਾ ਨ ਹੋਇ ॥
Thhaapiaa N Jaae Keethaa N Hoe ||
थापिआ न जाइ कीता न होइ ॥
He cannot be established, He cannot be created.
ਆਪੇ ਆਪਿ ਨਿਰੰਜਨੁ ਸੋਇ ॥
Aapae Aap Niranjan Soe ||
आपे आपि निरंजनु सोइ ॥
He Himself is Immaculate and Pure.
38-39 ਜਪੁ (ਮ: ੧) ਗੁਰੂ ਗ੍ਰੰਥ ਸਾਹਿਬ : ਅੰਗ ੨ ਪੰ. ੭
Jap Guru Nanak Dev